बचत किसे कहते हैं बचत का क्या महत्व है? ।बचत का अर्थ क्या है?
बचत करने के उपाय
बचत का अर्थ -
जब कोई व्यक्ति या फर्म द्वारा अपनी मौद्रिक आय में से उपभोग पर खर्च करने
जब कोई व्यक्ति या फर्म द्वारा अपनी मौद्रिक आय में से उपभोग पर खर्च करने
के बाद जो राशि (धन) को बचा लिया जाता है उसे बचत कहते है। भारत देश में बचत की जो दर है
वह विकसित देशों की तुलना में कम है।
भारत में बचत की दर -
बचत की दर को सकल राष्ट्रीय आय के प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है।
एक वर्ष में सकल बचत की राशि
बचत की दर = चालू कीमतों पर सकल राष्ट्रीय आय
भारत में बचत दर की दर बहुत धीमी गति से बढ़ रहीं है। इसको नीचे चित्र में दिखाया गया है -
दिये गये तालिका में से स्पष्ट है कि नियोजन काल में बचत दर में तीन गुने से अधिक वृद्धि हुई है ।
भारत में बचत की दर -
बचत की दर को सकल राष्ट्रीय आय के प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है।
एक वर्ष में सकल बचत की राशि
बचत की दर = चालू कीमतों पर सकल राष्ट्रीय आय
भारत में बचत दर की दर बहुत धीमी गति से बढ़ रहीं है। इसको नीचे चित्र में दिखाया गया है -
दिये गये तालिका में से स्पष्ट है कि नियोजन काल में बचत दर में तीन गुने से अधिक वृद्धि हुई है ।
नियोजन काल में बचत दर निरन्तर बढती रहीं है। परन्तु प्रारम्भ के वर्षों में इनमें तेजी से बढ़ती हुई है।
भारत में बचत के स्त्रोत -
नियोजन समय में बचत के अनुमान केन्द्रीय सांख्यिकीय संगठन (CSO) ने तैयार किया है-
घरेलू बचत के अनुमान के लिए अर्थव्यवस्था को तीन भागों में विभाजन किया जाता है-
1) परिवार क्षेत्र
2) निगम क्षेत्र
3) सरकारी क्षेत्र
परिवार क्षेत्र- परिवार क्षेत्र की बचत को दो रूपों में होती है, एक तो भौतिक परिसम्पत्ति के रूप में,
भारत में बचत के स्त्रोत -
नियोजन समय में बचत के अनुमान केन्द्रीय सांख्यिकीय संगठन (CSO) ने तैयार किया है-
घरेलू बचत के अनुमान के लिए अर्थव्यवस्था को तीन भागों में विभाजन किया जाता है-
1) परिवार क्षेत्र
2) निगम क्षेत्र
3) सरकारी क्षेत्र
परिवार क्षेत्र- परिवार क्षेत्र की बचत को दो रूपों में होती है, एक तो भौतिक परिसम्पत्ति के रूप में,
जैसे कि परिवार क्षेत्र का कृषि विनिर्माण तथा व्यवसाय में स्थायी विनियोग ओर इसके द्वारा रखा गया
स्टॉंक ।
दूसरा रूप - वित्तीय परिसम्पत्तियों से सम्बन्धित होता है। जैसे कि करेन्सी, शुद्ध जमाऍं तथा
ऋण पत्र में निवेश, बीमा के प्रीमियम भविष्य निधि के योगदान तथा अल्प बचत योजनओं के
अन्तर्गत जमा राशियॉं आदि।
2) निगम क्षेत्र - निगम क्षेत्र के अन्तर्गत निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र के संयुक्त पूँजी प्रमण्डल तथा
2) निगम क्षेत्र - निगम क्षेत्र के अन्तर्गत निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र के संयुक्त पूँजी प्रमण्डल तथा
पंजीकृत सहकारी समितियॉंं शामिल है।
3) सरकारी क्षेत्र - सहकारी क्षेत्र के विभागीय एवं गैर विभागीय उपक्रम तथा केन्द्रीय एवं
3) सरकारी क्षेत्र - सहकारी क्षेत्र के विभागीय एवं गैर विभागीय उपक्रम तथा केन्द्रीय एवं
राज्य सरकारों के प्रशासन शामिल किये जाते है। सरकारी उपक्रमों एवं वैधानिक नियम की
शुद्ध बचतों का अनुमान उनके वार्षिक खातों के आधार पर लगाया जाता है।
भारत में बचत दर निम्न होने के कारण -
1) आय का निम्न स्तर - भारत देश में परिवार क्षेत्र की बचतों का भाग सबसे बड़ा है और इस क्षेत्र की बचत का जो
भारत में बचत दर निम्न होने के कारण -
1) आय का निम्न स्तर - भारत देश में परिवार क्षेत्र की बचतों का भाग सबसे बड़ा है और इस क्षेत्र की बचत का जो
आय स्तर निम्न होने का कारण कम है इसका कारण यह है कि अधिकांश भाग उपभोग हो जाता है
इस कारण से कुल बचते नीचे रह जाती है।
2) अनुत्पादकीय व्यय
देश में कुछ लोग ही बचत करने की स्थिति में है परंतु अधिकांश लोग अपनी बचत का
2) अनुत्पादकीय व्यय
देश में कुछ लोग ही बचत करने की स्थिति में है परंतु अधिकांश लोग अपनी बचत का
बड़ा भाग अन्य उत्पादक खर्चे में लगा देते हैं जैसे स्वर्ण व जवाहरात शहर की भूमि के लेने
आदि में लगा देते हैं। इस कारण से जो बचत उत्पादन के कार्यों में व्यय नहीं हो पाता है।
3) काली आय
भारत में ज्यादा मात्रा में काली आय का चलन में है इस आय को
3) काली आय
भारत में ज्यादा मात्रा में काली आय का चलन में है इस आय को
उत्पादकीय कार्यों में न लगाकर अनुत्पादकीय कार्यों में खर्च कर दिया जाता है
जिसके परिणाम स्वरुप बचत का स्तर नीचे रह जाता है।
4) सार्वजनिक क्षेत्र के निम्न बचते
भारत में लगभग आधे सार्वजनिक उपक्रम हानी में चल रहे हैं अतः इस कारण से सार्वजनिक
4) सार्वजनिक क्षेत्र के निम्न बचते
भारत में लगभग आधे सार्वजनिक उपक्रम हानी में चल रहे हैं अतः इस कारण से सार्वजनिक
क्षेत्र की जो बचते हैं वह बहुत कम रह जाने के कारण कुल बचत का जो स्तर है वह नीचे रह जाता है।
5 प्रदर्शन का प्रभाव
भारत के लोग पश्चिमी सभ्यता से आकर्षित होकर विदेश की वस्तु जैसे कैमरा फर्नीचर
6 दोष पूर्ण कर प्रणाली
देश में कर प्रणाली में अनेक कमियां है कृषि आय पर कोई कर नहीं है
7 वित्तीय संस्थाओं का अभाव
भारत में अधिकांश जनता ग्रामीण क्षेत्र में निवास कर रही है
8 मुद्रा स्फीति
भारत देश में कीमतों का स्तर ज्यादा बढ़ जाने के कारण उपभोग खर्च बढ़ जाता है
5 प्रदर्शन का प्रभाव
भारत के लोग पश्चिमी सभ्यता से आकर्षित होकर विदेश की वस्तु जैसे कैमरा फर्नीचर
कपड़े कपड़ा धोने की मशीन टेलीविजन टेप रिकॉर्डर कर आदि का उपयोग करते हैं
इस कारण से बचते काफी कम रह गई हैं।
देश में कर प्रणाली में अनेक कमियां है कृषि आय पर कोई कर नहीं है
अतः अनेक लोग अपनी आय को कृषि फॉर्म से दिखाकर कर बच जाते हैं बड़े
किसान इससे बचते रहते हैं परिणाम स्वरूप अनुत्पादकीय खर्च करते हैं।
भारत में अधिकांश जनता ग्रामीण क्षेत्र में निवास कर रही है
इन क्षेत्रों में बचत को संग्रह करने के लिए बैंक डाकखाने बीमा कंपनियां आदि
पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो पाई है जिसके कारण बचत की दर निम्न रह गई है।
भारत देश में कीमतों का स्तर ज्यादा बढ़ जाने के कारण उपभोग खर्च बढ़ जाता है
तथा वास्तविक आय कम हो जाती है और बचत का स्तर नीचे रह जाता है।
भारत में बचत दर बढ़ाने के सुझाव या उपाय
1 उत्पादकता में सुधार
2 ग्रामीण क्षेत्र की बचतों को गतिशील बनाना
नियोजन समय में ग्रामीण क्षेत्र को किसने की आय का स्तर बढ़ा है
3 स्वैच्छिक बचतो का प्रोत्साहन
सरकार की आयकर में छूट तथा ऊंची ब्याज दर प्रदान करके लोगों को
भारत में बचत दर बढ़ाने के सुझाव या उपाय
1 उत्पादकता में सुधार
भारत देश में सरकार को कृषि व उद्योग जैसे क्षेत्रों में उत्पादकता का स्तर
बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए जिससे कृषको श्रमिकों की आय का स्तर बढ़ेगा तथा
बचतों में वृद्धि होगी।
नियोजन समय में ग्रामीण क्षेत्र को किसने की आय का स्तर बढ़ा है
अतः इस क्षेत्र में वित्तीय संस्थान संस्थाओं की स्थापना करके इन बचतो को संग्रह
करके उत्पादकीय कार्यों में लगाया जाए।
सरकार की आयकर में छूट तथा ऊंची ब्याज दर प्रदान करके लोगों को
लघु बचते करने हेतु प्रोत्साहित कर सकती है।
4 उचित कर प्रणाली
भारत में कर प्रणाली इस प्रकार बनाई जाए जो काली आय को बढने से
4 उचित कर प्रणाली
भारत में कर प्रणाली इस प्रकार बनाई जाए जो काली आय को बढने से
रोके इसके अतिरिक्त बड़ी कृषि आय पर कर लगाना चाहिए।
5 निजी निगमित क्षेत्र के लाभों का पुनर्विनियोजन
सरकार को इस प्रकार नीति बनानी चाहिए कि निजी निगमित क्षेत्र अपने लाभों
5 निजी निगमित क्षेत्र के लाभों का पुनर्विनियोजन
सरकार को इस प्रकार नीति बनानी चाहिए कि निजी निगमित क्षेत्र अपने लाभों
को लाभांशो के रूप में वितरित करने की बजाय उन्हें पुनर्विनियोग में लगाये।
6 मूल्य की स्थिरता
6 मूल्य की स्थिरता
कीमतों में ज्यादा वृद्धि वास्तविक आय को कम कर देती हैं तथा बचते कम हो जाती हैं
अतः तेजी से बढ़ती कीमतों को रोककर बचतो को बढ़ाया जा सकता है।